आप अलमस्त साहेब पद्धति के महन्त हैं। आप का गुरुस्थान तिलहर उदासीन आश्रम (शाहजहांपुर, उ०प्र०) है। आप करूणा से समन्वित नवनीत के समान वात्सल्यपूर्ण हृदय से युक्त, परमोदार, धीर-गंभीर, अचित्य चित्त से परिपूर्ण ‘‘यथा नाम तथा गुण’’ से समायुक्त तथा सर्वसद्गुण सम्पन्न हैं। आपका संस्था के प्रति अपूर्व योगदान रहा है जो प्रशंसनीय है।